मुद्रा प्रसार का विभिन्न वर्गों पर पड़ने वाले प्रभाव

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मुद्रास्फीति के प्रभाव (Effects of Inflation)- मुद्रा प्रसार से किसी देश की अर्थधयवस्था पर काफी गम्भीर प्रभाव पड़ते हैं। प्रो. सी. एन. वकील (C.N. Vakil) ने कहा है कि “मुद्रा स्फीति एक डाकू के समान है जो सम्पूर्ण समाज को लूटता प्रभाव सबसे अधिक उन वर्गों पर पड़ता है, जिनकी आय सीमित एवं स्थिर होती है।

मुद्रास्फीति के प्रभाव का विभिन्न वर्गो पर असर

मुद्दा प्रसार का विभिन्न वर्गों पर पड़ने वाले प्रभावो का संक्षिप्त वर्णन निम्नलिखित है :-

(1) उत्पादक वर्ग पर प्रभाव (Effect on Producers)– मुद्रा प्रसार की स्थिति में व्यक्तियों की क्रय शक्ति में वृद्धि हो जाती है जिससे वस्तुओं की माँग बढ़ती है और कीमतें बढ़ने लगती हैं जिससे उत्पादक वर्ग को लाभ होने लगता है।

(2) विनियोगी वर्ग पर प्रभाव (Effects on Investors Class)

विनियोगी वर्ग दो प्रकार के होते हैं-
(a) वे जिनकी आय विनियोग से निश्चित होती है, जैसे ऋण पत्र, प्रतिज्ञा पत्र आदि में धन लगाने वाले विनियोगी। इनको ब्याज के रूप में एक निश्चित आय मिलती है। यदि मुद्रा प्रसार होता है तो इस वर्ग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
(b) वे विनियोगी जिनकी आय मूल्यपरिवर्तन से प्रभावित होती है जैसे अंश पूंजी में लगा धन अंश धारकों को लाभ के अनुसार लाभ मिलता है। मुद्रा प्रसार में चूँकि उत्पादन में लाभ की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए विनियोजकों को मुद्रा प्रसार की स्थिति में लाभ होता है।

 

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3) उपभोक्ता वर्ग पर प्रभाव (Effect Consumer’s Class) – मुद्रा स्फीति का उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, क्योंकि मुद्रा स्फीति से वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य बढ़ जाते हैं जिससे उनके रहन-सहन के व्यय में वृद्धि हो जाती है। चूंकि आय में मूल्य के अनुपात में वृद्धि नहीं होती इसलिए मुद्रा स्फीति काल में उपभोक्ताओं को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

(4) वेतनभोगी एवं श्रमिक वर्ग पर प्रभाव (Effects on Salaried and Labour Class) – मुद्रा स्फीति की दशा में इन दोनों ही वर्गों को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है।

(5) ऋणी एवं ऋणदाता वर्ग पर प्रभाव (Effects on Debtor and Money Lencdor Class) -मुद्रा स्फीति की दिशा में इन दोनो ही वर्गों को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है।

(6) कृषक वर्ग पर प्रभाव (Effects on Agriculturals) – मुद्रा सफीति काल में कृषि उत्पादन की कीमत बढ़ जाने से कृषकों को लाभ होता है, किन्तु कृषकों को उद्योगपतियो की तुलना में कम लाभ ही मिल पाता है।

 

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